धर्म और सामाजिकता – जावेद अख़्तर के साथ बातचीत
ज्ञानेश पाटील : जावेद सर, आपका बहुत बहुत स्वागत. हमारा समाज मुख्यतः धार्मिक, श्रद्धालु, ईश्वरीय कल्पना पर आस्था रखनेवाले लोगों का है. इस समाज की एक विशेषता है कि नास्तिकता को या नास्तिक होने को वो kindly नहीं लेता है. दूसरी तरफ जो नास्तिक समाज है वो भी कहीं ना कहीं धर्म से घिरा हुआ …